Teerth Tiloniya Questions & Answers तीर्थ तिलोनिया प्रश्न और उत्तर

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पिछले पोस्टों में मैंने Jeevan और Bhasha Lipi Boli Aur Vyakaran के Questions & Answers शेयर किए हैं तो आप उसे भी चेक कर सकते हैं।

Teerth Tiloniya Questions & Answers तीर्थ तिलोनिया प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: लेखक तिलोनिया क्यों जा रहा था?

उत्तर: लेखक का वास्तुकार दामाद को तिलोनिया में कुछ काम था। वह उन्हीं के साथ एक साथी के रूप में जा रहा था।

प्रश्न 2: सामाजिक कार्य तथा शोध संस्थान का क्या उद्देश्य था?

उत्तर: तिलोनिया गाँव के लोगों  आत्मनिर्भर बनाना तथा ग्रामवासियों में छिपी श्रम्ताओं को प्रकट होने का अवसर देना ही इस शोध संस्थान का उद्देश्य था।

प्रश्न 3: गाँधी जी की कौन-सी मान्यताओं के अनुरूप संस्थान चलता था?

उत्तर: सादापन, कर्मठता, अनुशासन और आत्मनिर्भरता आदि गाँधी जी की मान्यताओं के अनुरूप संस्थान चलता था।

प्रश्न 4: रात्रि पाठशालाएँ क्यों लगाई जाती थीं?

उत्तर: दिन के वक्त गाँव के लड़के-लड़कियाँ विभिन्न कार्यों में व्यस्त रहते थे। वे शाम के समय ही पढ़ाई-लिखाई का समय पाते थे इसलिए उन्हें पढ़ाने के लिए रात्रि पाठशालाएँ लगाई जाती थीं।

प्रश्न 5: गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

वे बता रहे थे……………..की रही होगी।

(क) किसके गठन की बात हो रही है?

उत्तर: सामाजिक कार्य तथा शोध संस्थान (एस.डब्ल्यू.आर. सी) के गठन की बात हो रही है।

(ख) बंकर राय की मंडली में कौन-कौन थे?

उत्तर: बंकर राय की मंडली में दो ही लोग थे – एक टाइपिस्ट और एक फ़ोटोग्राफर।

(ग) सरकार से लीज़ पर क्या-क्या लिया गया?

उत्तर: सरकार से 45 एकड़ ज़मीन तथा सेनेटोरियम के 21 छोटे-छोटे मकान लीज़ पर लिए गए।

(घ) उन दिनों तिलोनिया गाँव में कितने लोग रहते थे?

उत्तर: उन दिनों तिलोनिया गाँव में लगभग दो हज़ार लोग रहते थे।

प्रश्न 6: सामाजिक कार्य तथा शोध संस्थान (एस.डब्ल्यू.आर. सी) की स्थापना कब और किसने की थी?

उत्तर: सामाजिक कार्य तथा शोध संस्थान (एस.डब्ल्यू.आर. सी) की स्थापना सन 1972 में बंकर राय नाम के व्यक्ति ने की थी।

प्रश्न 7: संस्थान में सौर ऊर्जा का प्रयोग किन-किन कार्यों के लिए किया जाता था?

उत्तर: गहराई से पानी खींचने के पंप चलाने, कंप्यूटर चलाने तथा रात्रि पाठशालाओं के संचालन के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता था।

प्रश्न 8: ‘आत्मनिर्भरतासे आप क्या समझते हैं?

उत्तर: ‘आत्मनिर्भरता’ का अर्थ ही है अपने पर निर्भर होना। ज़रुरत के सभी वस्तुओं का उत्पादन स्वयं करन, ग्रामवासियों की क्षमता को उजागर करना और बाहरी दुनिया पर कम से क आश्रित रहना ही इसका मूल अर्थ है।

प्रश्न 9: संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर की किस संस्था ने सम्मानित किया गया?

उत्तर: इस संस्थान को आगा खां फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया।

प्रश्न 10: तिलोनिया में जल-संचयन की क्या व्यवस्था थी? संचित जल का उपयोग किस तरह किया जाता था?

उत्तर: तिलोनिया में गाँववालों ने जगह-जगह ज़मीन के नीचे तालाब बना रखे थे। इन तालाबों में बरसात का पानी इकट्ठा किया जाता था। इस पानी को साफ़ करके पीने लायक बनाया जाता था। इसी पानी से सिंचाई की जाती थी और बिजली भी बनाई जाती थी।

प्रश्न 11: संस्थान द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा अभियान के विषय में बताइए।

उत्तर: संस्थान द्वारा रात्रि पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा था। इन पाठशालाओं में वे लड़के-लड़कियाँ पढ़ने के लिए जाते थे, जो प्राय: दिन में खेती-बाड़ी या घर के अन्य कामों में लगे रहते थे। शाम होने पर वे पाठशाला में पहुँच जाते थे। संस्थान ऐसी एक सौ पचास पाठशालाएँ चला रहा था। यहाँ एक रात्रि पाठशाला भील जाति के बच्चों के लिए भी विशेष रूप में खोली गई थी।

प्रश्न 12: कठपुतलियों के तमाशों द्वारा निरक्षर ग्रामवासियों को किन समस्याओं के प्रति सचेत किया जाता होगा?

उत्तर: कठपुतलियों का तमाशा ग्रामवासियों के लिए मात्र मनोरंजन का माध्यम नहीं था। इसके द्वारा विभिन्न कथाओं के माध्यम से निरक्षरता, रूढ़ियाँ, जाति-प्रथा, धार्मिक कर्मकांड आदि के बारे में ग्रामवासियों को सचेत किया जाता होगा।

प्रश्न 13: संस्थान किस प्रकार जनतांत्रिक पद्धति से कार्य करता था?

उत्तर: संस्थान पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करता था। यहाँ सभी बराबर थे। लड़के हो या लड़कियाँ, पुरुष हो या महिलाएँ सभी समान रूप से संस्थान में सहयोग करते थे। गरीबों, स्त्रियों और निम्न जाति के लोगों को प्राथमिकता दी जाती थी। ग्रामवासी अपनी सामान्य ज़रूरतों से जुड़ी वस्तुओं का उत्पादन स्वयं कर रहे थे और सांझे प्रयास द्वारा गाँव की अर्थव्यवस्था के विकास में सहयोग कर रहे थे।

प्रश्न 14: लेखक क्यों चाहता है कि देश में सैंकड़ों तिलोनिया उठ खड़े हों?

उत्तर: तिलोनिया आत्मनिर्भर समाज का पोषक है। बाहरी अर्थव्यवस्था का उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अपनी ज़रूरतों की चीज़ों का उत्पादन स्वयं करना, स्वयं आवश्यकतानुसार शिक्षा-व्यवस्था करना, खेती-बाड़ी, जल-संचयन आदि को सुव्यवस्था ने एक संतुष्ट समाज की स्थापना की है। अतः लेखक चाहता है कि देश में और भी सैंकड़ों तिलोनिया बनने चाहिए।

प्रश्न 15: आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) वे मेरी ही पुस्तकें उठाए हुए थे।

उत्तर: इस अंश का आशय यह है कि लेखक एक रचनाकार के रूप में जन-जन में लोकप्रिय हो चुका था। लोग उसकी रचनाओं को बहुत चाव से पढ़ते थे और पुस्तकालय में उनकी किताबें मिल जाती थीं। 

(ख) कठपुतलियों का तमाशा मात्र मनोरंजन का ही माध्यम नहीं है। 

उत्तर: तिलोनिया गाँव में कठपुतलियों के तमाशे के द्वारा मात्र मनोरंजन ही नहीं किया जाता था बल्कि लोगों को समस्याओं और साक्षरता के प्रति जागरूक भी किया जाता था। तो ये थे Teerth Tiloniya Questions & Answers तीर्थ तिलोनिया प्रश्न और उत्तर।

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