This article will share Chinti Questions & Answers चींटी प्रश्न और उत्तर
यह कविता सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखित है। पिछले पोस्ट में मैंने Chinti Kavita Ki Vyakhya शेयर की है तो आप उसे भी चेक कर सकते हैं।
Chinti Questions & Answers चींटी प्रश्न और उत्तर
शब्दार्थ
- तम – अँधेरा
- लघुपद – छोटे पैर
- पिपीलिका – चींटी
- सतत – लगातार
- सांध – महल
- अरि – शत्रु
- वर – सुंदर
- श्रमजीवी – मेहनती
- सुनागरिक – अच्छा नागरिक
प्रश्न 1: कविता में चींटी की तुलना किस किस के साथ की गयी है?
उत्तर: कविता में चींटी की तुलना गाय और वास्तुकार से करते हुए कहा है कि जिस तरह धुप खिलते ही गाय चारा ढूंढने चल पड़ती है उसी तरह चींटी भी दिन उगते ही घूम-घूमकर अन्न इकट्ठा करती है। चींटी एक कुशल वास्तुकार भी है। इसका अंदाजा हमें उसके द्वारा बनाये गए मिट्टी के घर देखकर ही लगा सकते हैं।
प्रश्न 2: चींटी से क्या प्रेरणा मिलती है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: चींटी से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें अपना हर काम लगन और परिश्रम से करना चाहिए, और जिस तरह चींटी अपने शत्रु से नहीं डरती, हमें भी किसी से हार नहीं माननी चाहिए। अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
प्रश्न 3: कवि ने चींटी को किन विशेषणों से सुशोभित किया है?
उत्तर: कवि के अनुसार चींटी एक सामाजिक प्राणी है। उसमें वे सभी मानवीय गुण हैं जो एक परिवार का पालन-पोषण करने के लिए ज़रूरी होते हैं। वह बहुत ही मेहनती और एक अच्छे नागरिक के सामान है। कवि ने चींटी को कुशल वास्तुकार, सामाजिक, श्रमजीवी और सुनागरिक विशेषणों से सुशोभित किया है।
प्रश्न 4: “चींटी को देखा …………….. पल पल मिल-जुल” इस पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: कवि कविता की पहली ही पंक्ति में प्रश्न पूछते हैं कि, चींटी को देखा? इस प्रश्न के जवाब में वह दूसरी पंक्ति में चींटियों को एक सरल, विरल काली रेखा कहकर परिभाषित करते हैं। जिस प्रकार अँधेरे में काला धागा हिलता-डुलता है, उसी तरह चींटी भी हिलती-डुलती रहती है। चींटी अपने समूह के साथ मिल-जुलकर रहती है व छोटे पैरों से चलती है।
Chinti Questions & Answers चींटी प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 5: “वह है पिपीलिका ………….. चुनती अवरित।” इस पंक्ति का अर्थ अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: चींटी हमेशा एक कतार में चलती है। वह सतत मेहनत करती है और कण-कण से भोजन चुनकर इकट्ठा करती है।
प्रश्न 6: इस कविता में चींटी के माध्यम से आपने क्या सीखा? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: चींटी हम इंसानों के लिए एक प्रेरणा है। हमने सीखा कि हमें भी चींटी के प्रकार मेहनत, परिश्रम व लगन से अपना कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 7: “चींटी एक कुशल वास्तुकार सामाजिक, श्रमजीवी और सुनागरिक प्राणी है । “‘चींटी” किवता के आधार पर पंक्ति का भाव 100 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि कहते हैं कि चींटी एक कुशल वास्तुकार है। इस बात का अहसास हमें उसके द्वारा चली हुई मिट्टी के बने सुन्दर घरों को देखकर हो जाता है। वह बालू या रेत के भीतर अपना विशाल दुर्ग रूपी नगर निर्माण करती है। वह सामाजिक, श्रमजीवी व सुनागरिक प्राणी की तरह आकार में लघु बिंदु की भांति होते हुए भी अपने दल के अनेक सदस्यों के लिए एक भव्य शिविर का निर्माण करती है। जिस दुर्ग में कई कोठरियाँ हैं और वहाँ जाने का मार्ग भी विशाल है। इस प्रकार कवि पंत जी ने चींटी को एक कुशल वास्तुकार सामािजक, श्रमजीवी और सुनागरिक आदि विशेषणों से सँवारा है।
प्रश्न 8: सही विकल्प चुनिए:
(क) चींटी किसके तागे-सी है?
i. तम के
ii. ऊषा के
(ख) चींटी क्या चुनती है?
i. आम-इमली
ii. कण-कण
(ग) चींटी किससे नहीं डरती?
i. शत्रु से
ii. मित्र से
प्रश्न 9: रिक्त स्थानों की पूर्ती कीजिये।
i) कोई शिल्पी क्या कहे भला।
ii) है डिम्ब-सद्म, वर शिविर रचित।
iii) वह सरल-विरल कालि रेखा।
तो ये थे Chinti Questions & Answers चींटी प्रश्न और उत्तर