This article will share Tum Hamari Chotiyon Ki Barf Ko Yun Mat Kuredo Questions & Answers तुम हमारी चोटियों की बर्फ़ को यूँ मत कुरेदो प्रश्न और उत्तर।
पिछले पोस्टों में मैंने Andaman Nicobar और Dr. A.P.J Abdul Kalam के Questions & Answers शेयर किये हैं तो आप उसे भी चेक कर सकते हैं।
Tum Hamari Chotiyon Ki Barf Ko Yun Mat Kuredo Questions & Answers तुम हमारी चोटियों की बर्फ़ को यूँ मत कुरेदो प्रश्न और उत्तर
शब्दार्थ
- कंटक – काँटा
- लावा – ज्वालामुखी की आग
- सुधा – अमृत
- सिंधु – समुद्र
- प्रस्तर-शिला – पत्थर का बड़ा टुकड़ा
- रज – धूल
- भृकुटि – भौहें
- तांडव – शिव का विनाशकारी नृत्य
- सृष्टि – जगत
- वक्र – टेढ़ी
प्रश्न 1: हम किसे मथकर अमृत लाए हैं?
उत्तर: हम समुद्र को मथकर अमृत लाए हैं।
प्रश्न 2: हम किसके वंशज हैं?
उत्तर: हम मीरा और शिव के वंशज हैं।
प्रश्न 3: हमारे तेज़ से कौन लजाया है?
उत्तर: हमारे तेज़ से सूरज लजाया है।
प्रश्न 4: कवि भारत देश के दुश्मनों को सचेत करते हुए क्या कह रहे हैं?
उत्तर: कवि भारत देश के दुश्मनों को सचेत करते हुए कह रहे हैं कि हम ऊपर से तो हिमालय की बर्फ की तरह बहुत ही कोमल व साधारण दिखते हैं लेकिन हमें छेड़ने की जुर्रत न करना क्योंकि हमारे अंदर हिमालय के समान ही गुस्से का वो प्रचंड ज्वालामुखी है जो तुम्हारे लिए सीधे मौत के दरवाज़े खोल देगा। इसलिए तुम हमारे देश की चोटियों को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुँचाना।
प्रश्न 5: कवि ने भारत के ज्ञान व जलयान की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर: कवि कहते हैं कि हम भारतीयों ने अपनी जीत और विजय के चिन्ह पत्थरों पर बनाए हैं, ज्ञान के हर क्षेत्र में हमने अपनी ज्ञानरूपी ज्योति के उज्जवल ध्वज को लहराया है। साक्षात काल की अँगड़ाइयों के सामान वेगवान जलतरंगों में हमारे जलयान निडरता से ठहरे हैं।
Tum Hamari Chotiyon Ki Barf Ko Yun Mat Kuredo Questions & Answers तुम हमारी चोटियों की बर्फ़ को यूँ मत कुरेदो प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 6: कवि हम भारतीयों को ‘मस्त योगी’ क्यों कहते हैं?
उत्तर: कवि के अनुसार हम भारतवासी ‘मस्त योगी’ हैं जो अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं। दूसरों के सुख में सुखी और दूसरों के दुःख में दुखी होते हैं। इसलिए हम दुश्मनों से कहते हैं कि तुम हमारी चोटियों की बर्फ़ को यूँ मत कुरेदो, अगर तुम हमें यूँ बारबार ज़ख्म दोगे तो हमारे हृदय में भी ज्वालामुखी है जो तुम्हे भस्म कर देगा।
प्रश्न 7: कवि ने भारतवासियों की तुलना हिमालय से क्यों की है?
उत्तर: कवि ने भारतवासियों की तुलना हिमालय से इसलिए की है क्योंकि वे भी हिमालय की भाँति ही हैं। भारतवासी ऊपर से हिमालय के बर्फ़ की तरह बहुत ही कोमल व साधारण दिखते हैं, लेकिन उनके अंदर हिमालय के समान ही गुस्से का वो प्रचंड ज्वालामुखी है जो दुश्मनों के लिए सीधे मौत के दरवाज़े खोल देता है।
प्रश्न 8: कवि भारतवासियों को शिवजी और मीराबाई का वंशज बताते हुए क्या कहने का प्रयास कर रहे हैं?
उत्तर: कवि भारतवासियों को शिवजी और मीराबाई का वंशज बताते हुए यह कहने का प्रयास कर रहे हैं कि भारतवासी भी उन्हीं मीराबाई और शिवजी के वंशज हैं जो विष पीने के बाद भी ज़िंदा थे। उनका वंशज होने के नाते गुणों में वे भी उन्हीं के समान हैं। मीराबाई ने विष पीकर अपनी कृष्ण भक्ति की परीक्षा दी और भगवान शिव ने विष पीकर सृष्टि की रक्षा की। दोनों ने परोपकार हेतु विषपान किया किंतु उनका बाल भी बाँका न हुआ अर्थात वे जीवत रहे।
प्रश्न 9: सुयश की प्रस्तर-शिला लहरे हैं हमारे पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि कहते हैं कि हम भारतीयों ने अपनी जीत और विजय के चिन्ह पत्थरों पर बनाए हैं, ज्ञान के हर क्षेत्र में हमने अपनी ज्ञानरूपी ज्योति के उज्जवल ध्वज को लहराया है।
प्रश्न 10: सही विकल्प चुनिए:
(क) शिव जी ने विष इसलिए पिया था, ताकि……………………..
i. उनकी वीरता प्रकट हो सके।
ii. सृष्टि की रक्षा हो सके।
(ख) कविता में ‘हमें’ शब्द का प्रयोग………………के लिए किया गया है।
i. पूरे भारतीयों के लिए
ii. केवल कवि के लिए
(ग) कविता में…………………दिशाओं के बारे में चर्चा की गई है।
i. चार
ii. दस
(घ) तीन डग में सृष्टि को………………नापा था।
i. वामन
ii. कृष्ण
तो ये थे Tum Hamari Chotiyon Ki Barf Ko Yun Mat Kuredo Questions & Answers तुम हमारी चोटियों की बर्फ़ को यूँ मत कुरेदो प्रश्न और उत्तर