Phool Aur Kaante Questions & Answers | फूल और काँटे प्रश्न और उत्तर

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यह कविता अयोध्या सिंह उपाध्याय “हरिऔध” द्वारा रचित है। पिछले पोस्ट में मैंने Parasmani Questions & Answers | पारसमणि प्रश्न और उत्तर शेयर किये हैं तो आप उसे चेक कर सकते हैं।

Phool Aur Kaante Questions & Answers | फूल और काँटे प्रश्न और उत्तर

शब्दार्थ

  • मेघ – बादल
  • अनूठा – अनोखा
  • कतरना – काटना
  • पर – पंख
  • सीस – सिर
  • जनम – जन्म
  • वसन – कपड़ा
  • सदा – हमेशा
  • सुर – देवता
  • निज – अपना

प्रश्न 1: फूल और काँटा कहाँ जन्म लेते हैं?

उत्तर: फूल और काँटा एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं।

प्रश्न 2: काँटे की क्या विशेषता होती है?

उत्तर: काँटा उंगलियों में चुभ कर उनमें छेद कर देता है। तितलियों के पर काट देता है और भंवरा के शरीर को चीर देता है।

प्रश्न 3: फूल की क्या विशेषता होती है?

उत्तर: फूल तितली को अपनी गोद में बिठाकर प्यार देता है। भंवरों को अनूठा रस पिलाता है। निजी सुगंध और नीले रंग से लोगों के मन को प्रसन्न करता है। इसे देवता के आगे शीश पर भी चढ़ाया जाता है।

प्रश्न 4: फूल और काँटा किसका प्रतीक है?

उत्तर: फूल खुशी और प्रसन्नता का प्रतीक है। जबकि काँटा दु:ख का प्रतीक है। फूल सबके मन को खुशी प्रदान करता है। जबकि काँटा सबके मन को दुख और तकलीफ़ देता है।

Phool Aur Kaante Questions & Answers | फूल और काँटे प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न 5: फूल और काँटे को कौन-कौन सी समान परिस्थितियां प्राप्त होती है?

उत्तर: फूल और काँटा दोनों एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं। इन्हें एक ही पौधा पालता है। रात में चांद भी समान रूप से दोनों पर प्रकाश डालता है। वर्षा तथा हवाएं भी दोनों को समान रूप में प्राप्त होतीं हैं। 

प्रश्न 6: फूल और काँटे में सवभागवत क्‍या अंतर है?

उत्तर: 1.फूल सुगंध देता है और काँटा नहीं ।
2. गूगल सबको खुशी देता है और काँटा दुख देता है।
3. फूल तितलियों को गोद में लेता है, भंवरों को रस और लोगों के मन मोह लेता है। जबकि काँटा लोगों की उँगलियाँ काट लेता है, तितलियों के पर काट देता है और भंवरों के सांवले शरीर को चीर देता है।
4.अपने अच्छे स्वभाव के कारण फूल देवताओं के शरीर पर शोभा प्राप्त करता है, जबकि अपने बुरे स्वभाव के कारण काँटा सब को बुरा लगता है।

प्रश्न 7: किस….बड़प्पन की कसरकाव्य पंक्ति की प्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर: इन पंक्तियों में कवि ने मनुष्य के गुणों के बारे में बताया है।
व्याख्या: कवि कहता है कि मानव कितने भी बड़े कुल में जन्म क्‍यों ना ले ले लेकिन उसकी महानता/ बड़प्पन को ज्ञान केवल उसके गुणों से होता है। उसके कुल से नहीं। अर्थात किसी भी व्यक्ति की ऊँचे कुल में जन्म लेने की महानता तब तक नहीं होती जब तक उसमें गुणों की कमी होती है।

प्रश्न 8: मेघ और हवाएँ फूल और काँटे के साथ कैसा व्यव्हार करती हैं?

उत्तर: मेघ और हवाएँ फूल और काँटे के साथ समान व्यव्हार करती हैं। जैसे – जब बारिश होती है तो बादल भी दोनों पर एक-सा बरसते है। हवाएँ भी एक जैसी ही फूल और काँटे दोनों पर बहती हैं। 

प्रश्न 9: फूल तितली व भोरों के साथ कैसा व्यव्हार करता है?

उत्तर: फूल तितलियों को अपनी गोद में लेता है और भौंरों को अपना रस चूसने देता है। इस प्रकार वह दोनों के साथ प्रेमपूर्वक व्यव्हार करता है। 

प्रश्न 10: कुल की बड़ाई कब काम नहीं देती?

उत्तर: कुल की बड़ाई तब काम नहीं देती जब खुद व्यक्ति में बड़प्पन की कसर यानी कमी होती है। जैसे फूल और काँटे समान परिवेश में रहते हुए भी समान आदर नहीं पाते, वे अपने गुणों के कारण ही लोगों में प्रेम व घृणा के पात्र बनते हैं। 

Phool Aur Kaante Questions & Answers | फूल और काँटे प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न 11: फूल और काँटे में से हमारा आदर्श कौन होना चाहिए? कविता  के आधार पर लगभग 100 शब्दों कारण स्पष्ट कीजिये ।

उत्तर: कवि के अनुसार यद्यपि फूल और काँटे के पालन-पोषण में समानता है लेकिन दोनों के स्वभाव व व्यवहार में बहुत अंतर होता है । जैसे एक तरफ काँटा किसी की भी उँगली में चुभ जाता है, किसी के कपड़े में फँसकर उसे फाड़ देता है, फूलों पर बैठनेवाली तितलियों के पर भी फाड़ देता है और भौंरों के काले शरीर को भी अपने नोक से घायल कर देता है। इसी कारण वह सबकी आँख में हमेशा खटकता रहता है । दूसरी तरफ फूल है जो कि तितलियों व भौंरों को अपना रस चूसने देता है, अपनी खुशबू और निराले रंग से हमारे मन की कली को खिला देता है। फलस्वरूप फूल अपने सदाचरण से हमेशा देवताओं के सिर पर सुशोभित होता है । फूल में सभी गुण अच्छे हैं इसिलए हम मनुष्यों का आदर्श भी फूल ही होना चाहिए ताकि हम भी फूल के अच्छे गुण अपना सकें और उसकी तरह ही अपनी अच्छाई से अपना नाम भी रोशन कर सकें।

प्रश्न 12: “परिहत सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।फूल और काँटे का उदाहरण देते हुए प्रस्तुत पंक्ति का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिये। 

उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने यह दर्शाना चाहा है कि दूसरों की भलाई से बढ़कर कोई श्रेष्ठ धर्म नहीं है और दूसरों को दुःख देने से बढ़कर कोई पाप नहीं है। हमें फूलों की भाँति सबकी भलाई करनी चाहिए न कि काँटों की तरह दूसरों को कष्ट पहुँचाना चाहिए। हमें सदैव नीति का पथ अपनाना चाहिए।  

प्रश्न 13: कविता की सीख अपने शब्दों में बताइए। 

उत्तर: इस कविता में हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने ऊँचे कुल में जन्म लेने का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि मनुष्य का वंश नहीं बल्कि उसके कर्म उसे संसार में प्रसिद्धि दिलाते हैं। ठीक उसी तरह जैसे इस कविता में फूल और काँटे एक ही पौधे पर लगते हैं लेकिन दोनों के स्वभाव में बहुत अंतर होता है। 

प्रश्न 14: निम्न्लिखित कथन सत्य हैं या असत्य लिखिए:

(i) काँटा हमारे मन की कली को खिला देता है – असत्य 
(ii) फूल तितलियों व भौरों को अपना रस चूसने देता है – सत्य 
(iii) काँटा सबकी आँख में हमेशा खटकता रहता है – सत्य 
(iv) फूल हमेशा देवताओं के सिर पर सुशोभित होता है – सत्य 
(v) फूल किसी की भी ऊँगली में चुभ जाता है – असत्य 

तो यह थे Phool Aur Kaante Questions & Answers | फूल और काँटे प्रश्न और उत्तर

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